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अमानक वर्ण Hindi grammar questions for competitive exam part-5 1 शुद्ध वर्तनी 2 . अमानक वर्ण (i) - शुद्ध वर्तनी ➨ बर्तन की शुद्ध " वर्तनी " क्या है ? बर्तन का शुद्ध वर्तनी ➨ "बर्तन " का शुद्ध वर्तनी "बरतन " है ∣ (ii) . अमानक वर्ण - हिंदी में बहुत से ऐसे वर्ण हुआ करते थे ,जो की वर्तमान समय में चलन में नहीं है ,अथवा हिंदी के मूल वर्णो में शामिल नहीं है। इस प्रकार के सभी वर्ण " अमानक वर्णो " की श्रेणी में आते हैं Ι अर्थात वे " वर्ण " जो पूर्व में तो मान्य रहे हो ,परन्तु वर्तमान वर्णमाला के दृस्टीकोण से मान्य न होते हो , अमानक वर्ण है । अमानक वर्ण क्या है ➨ ऐसे वर्ण जिनका कोई " मानक " न हो , तथा जो सर्वमान्य न हो " अमानक " वर्ण है , अथवा ऐसे वर्ण जिनका पहले तो मानक रहा हो परन्तु वर्तमान समय में उनका कोई " मानक " न हो अमानक वर्ण कहलाते है । अमानक वर्ण किसे कहते है ➨ जब कोई वर्ण वर्तमान परिपेक्ष्य के मानकों पर खरा नहीं उतरता अथवा
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PART - 4
प्रश्न 1 - " अभिग्यन्शाकुन्त्लम् किम् अस्ति ? ( REET 2016 LEVAL II )
(A) नाटकम् (B) महाकाव्यम् (C) खण्ड्काव्यं (D) कथा उत्तर देखें -
प्रश्न 2 - यथेष्टम इत्यस्य संधिविछेदः करणीयः ? ( REET 2016 LEVAL II )
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प्रौढ़ावस्था किसे कहते हैं uptet/mptet/rtet/ctet/htet/pgt/tgt/prt प्रौढ़ावस्था किसे कहते हैं short notes Part-11 नमस्कार दोस्तों , इस आर्टिकल में हमने " प्रौढ़ावस्था " के प्रश्नों का एक - एक करके संकलन किया है। साथ ही इस पीडीऍफ़ में हमने " बाल विकास और शिक्षा शास्त्र " के सभी topics को विषयवार cover किया है। इस नोट्स की विशेषता यह है , कि - इसमें आपको पढ़ने , समझने और याद करने में आसानी होगी। कियोकि इन नोट्स को आपके बालविकास एवं शिक्षा - शास्त्र को समझने और याद करने की समस्याओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है। प्रौढ़ावस्था की परिभाषा बालक के जीवन में "प्रौढ़ावस्था " किशोरावस्था के बाद आती है। जब बालक के जीवन में किशोरावस्था समाप्त हो जाती है तब " प्रौढ़ावस्था " आरम्भ होती है। सामान्य रूप से "प्रौढ़ावस्था " का समय काल - 18 वर्ष की आयु से मृत्यु तक माना जाता है। परन्तु विभिन्न मनोवैज्ञानिकों ने इसकी आयु को अपने - अपने ढंग से परिभाषित किया है , जिसमे काफी मतभेद भी पाया जाता है। प्रौढ़ावस्था का अ
विकास की अवस्थाएं uptet/mptet/rtet/ctet/htet/pgt/tgt/prt बाल विकास की अवस्थाएं pdf short notes Part-7 नमस्कार दोस्तों , इस आर्टिकल में हमने " विकास की अवस्थाएं " के प्रश्नों का एक - एक करके संकलन किया है। साथ ही इस पीडीऍफ़ में हमने " बाल विकास और शिक्षा शास्त्र " के सभी topics को विषयवार cover किया है। इस नोट्स की विशेषता यह है , कि - इसमें आपको पढ़ने , समझने और याद करने में आसानी होगी। कियोकि इन नोट्स को आपके बालविकास एवं शिक्षा - शास्त्र को समझने और याद करने की समस्याओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है। बाल विकास की अवस्थाएं शारीरिक विकास शैशवावस्था - जन्म से 6 वर्ष तक का काल बाल्यावस्था - 6 वर्ष से 12 वर्ष किशोरावस्था - 12 वर्ष से 18 वर्ष प्रोढ़ावस्था - 18 वर्ष के बाद एक बालक को अपने जीवन में विकास की विभिन्न अवस्थाओं से गुजरना होता है।बाल - विकास में इन अवस्थाओं का निर्धारण आयु द्वारा होता है। अर्थात बालक किस अवस्था में है ये उसकी आयु से पता चलता है। इस प्रकार जन्म से लेकर मृत्यु तक मानव इन अव