(17)स्त्रियों और पुरषो में भिन्नता की खोज - " स्त्रियों और पुरषो में भिन्नता की खोज " मेकनेमर और टर्मर थी "∣
मनोविज्ञान के प्रमुख सिद्धांत एवं प्रतिपादक
बुद्धि के सभी सिद्धांत
1 - रॉस के अनुसार - " नवीन परिस्थितियों के साथ चेतन अनुकूलन करना ही बुद्धि है। "
2 - स्पीयरमैन - द्विकारक सिद्धांत के प्रतिपादक।
3 - टर्मन के अनुसार - " बुद्धि अमूर्त विचारों को सोचने की योग्यता है। "
4 - बुडवर्थ के अनुसार - " बुद्धि हमारे कार्य करने की विधि है। "
5 - बुद्धि बहुखण्ड सिद्धांत का प्रतिपादन किसने किया था ?
उत्तर - थार्नडाइक द्वारा।
6 - " बुद्धि परीक्षण " का जनक कौन है ?
उत्तर - बिने - साइमन
7- बिने के अनुसार - " बुद्धि पहचानने तथा सुनने की शक्ति है। "
8 - बुद्धि के "त्रि - आयामी " सिद्धांत के जनक कौन है ?
उत्तर - गिलफोर्ड।
9 - बुद्धि के " प्रतिदर्शन सिद्धांत " के प्रतिपादक कौन है ?
उत्तर - थॉमसन।
अन्य सभी सिद्धांत और प्रतिपादक
1 - " विलियम मेक्डूगल "
- मूल प्रवत्तियों का सिद्धांत।
- हार्मिक का सिद्धांत।
2 - " विलियम जेम्स "
- आधुनिक मनोविज्ञान के जनक
- प्रकार्यवाद सम्प्रदाय के जनक
- "आत्म सम्पत्यय " की अवधारणा के जनक
3 - थार्नडाइक -
- बहुखण्ड बुद्धि का सिद्धांत
- मूर्त और अमूर्त बुद्धि के सिद्धांत
- सामाजिक बुद्धि के सिद्धांत
- प्रशिक्षण अंतरण का सिद्धांत
- प्रयास एवं त्रुटि का सिद्धांत
- प्रयत्न एवं भूल का सिद्धांत
- उद्दीपन - अनुक्रिया का सिद्धांत
- संयोजनवाद का सिद्धांत
- S-R थियोरी का सिद्धांत
- सम्बन्धवाद का सिद्धांत
विकास के वातावरण - सम्बन्धी कारक
(1 ) भौतिक कारक - भौतिक कारक के अंतरगर्त बालक की 'प्राकृतिक एवं भौगोलिक " परिस्थितियाँ आती है। जिसके अंतगर्त -
→वे स्थान जहाँ सर्दी पड़ती है - वहाँ के लोग सुन्दर , गोरे , स्वस्थ और बुद्धिमान होते है। इन बालको के अंदर धैर्य भी अधिक होता हैं।
ठीक इसके विपरीत
→ वे स्थान जो गर्म रहते है - वहां के लोग - काले , चिड़चिड़े , आक्रामक होते है।
(2 ) सामाजिक कारक - सामाजिक कारक - बालक के - शारीरिक विकास , मानसिक विकास , भावनात्मक विकास , बौद्धिक विकास आदि को प्रभावित करते है। सामाजिक विकास के अंतरगर्त निम्नलिखित बातो को शामिल किया जाता है।
→ बालक के परिवार और समाज का रहन - सहन कैसा है ?
→ जिन परम्पराओं अथवा मान्यताओं को वे लोग मानते है , वे किस प्रकार की है ?
अतः इस प्रकार हम कह सकते है कि किसी भी बालक के जीवन में उनके - "सामाजिकता " का प्रभाव बहुत अधिक पड़ता है। कियोकि यदि समाज अच्छा या बुरा जैसा भी होगा उसका सुपूर्ण प्रभाव उस बालक पर अवश्य पड़ेगा।
(3 ) आर्थिक स्थति - बालक की आर्थिक स्थति कैसी है , इसका संपूर्ण प्रभाव उसके विकास पर अवश्य पड़ता है। कियोकि कमजोर आर्थिक स्थति वाले बालको का विकास अलग ढग से होता है। वही मजबूत आर्थिक स्थति वाले बालको का विकास एक अलग ढग से होता हैं।
(i ) कमजोर आर्थिक स्थति वाले बालको में
निम्नलिखित विशेषताएँ पायी जाती है।
→ कमजोर आर्थिक स्थति वाले बालको में अधिकतम शरीर का कम विकसित होना देखा जाता है। जिसका कारण यह होता है कि - वे "पौष्टिक भोजन " नहीं कर पाते है।
→ कमजोर आर्थिक स्थति वाले बालक "हीन -भावना " से ग्रसित हो जाते है। जिसका कारण है - वे अपने - आसपास के माहौल में दूसरे लोगो के पास जो है , उसे वे प्राप्त नहीं कर सकते है। जिस कारण उनकी "हीन भावना " का स्तर बढ़ता चला जाता है।
→ बालक की कमजोर आर्थिक स्थति उसे दूसरे बालको की तरह - खेलने -, पसंद चीजों को लेना , मनपसंद भोजन करना आदि से रोकती है। इस कारण इन बालको में निराशा का भाव स्थायित्व रूप में विधमान हो जाता है।
नोट- किसी भी बालक की - बौद्धिक क्षमता कैसी होगी ? अथवा बालक का सामाजिक विकास कैसा होगा ? इसका भी अधिकतम निर्धारण - उस बालक की " आर्थिक - स्थिति " पर निर्भर होता है।