प्रश्न -1 - पर्यावरण का अर्थ एवं इसके लक्षण बतातिये ?
अथवा
पर्यावरण कितने प्रकार का होता है , समझाईये ?
उत्तर -1 - पर्यावरण शब्द अंग्रेजी शब्द के " ENVIRONMENT" शब्द से बना है । सरल शब्दो में जिसका अर्थ होता है कि पर्यावरण के अंतरगर्त वे सभी वस्तुए आती है जो किसी स्थान को प्रत्यक्ष रूप से घेरे हुए है ।
जैसा कि हम जानते है कि मनुष्य पूर्ण रूप से अपने चारों और के पर्यावरण से प्रभावित होता है , साथ ही वह स्वयं के द्वारा अपने पर्यावरण को भी प्रभावित करता है ।
हमारे पर्यावरण की रचना मुख्यतः वायु ,जल ,मृदा , पादप ,प्राणी आदि का विशेष महतव है । कियोकि इनके बिना हम अपने पर्यावरण की कल्पना भी नहीं किआर सकते है ।
डॉ डेरिस अनुसार - " मानव के सम्बन्ध में भौगोलिक वातावरण से आशय धरती या मनुष्य के चारो ओर फैले हुए उन सभी भौतिक स्वरूपों से है , जिन स्वरूपों में वह रहता है , जिनका उसकी आदतों और क्रियाओं पर प्रभाव पड़ता है ।"
सोरोकिन के अनुसार - " भौगलिक पर्यावरण से आशय ऐसी अवस्थाओं से है , जो की मनुष्य के कार्यों से पूर्णतः स्वतंत्र या अलग है, दूसरे शब्दों में जो कि मनुष्य द्वारा बना नहीं है तथा जो स्वतः ही परिवर्तित होता है ।"
(ii ) पर्यावरण निम्नलिखित 2 प्रकार का होता है ।
(1 ) प्राकृतिक पर्यावरण (2) जैविक पर्यावरण
 |
https://www.studysupport.in/2019/02/ecology-and-environment-objective-questions-and-answers-mcq-on-ecology-and-enviroment-enviroment-quiz-2018-enviroment-mcq-environment-questions-for-ctet-uptet-mptet-net-railway-paryavaran-paryavaran-evam-paristhitiki-ecology-and-environment-in-hindi-.html |
(1 )
प्राकृतिक पर्यावरण - भौतिक पर्यावरण से आशय ऐसे पर्यावरण से होता है , जिसमे उन सभी तत्वों को शामिल किया जाता है , जिनका प्रत्यक्ष प्रभाव मनुष्य पर पड़ता है । जैसे कि - सूर्य , पृथवी, वायु , जल ,अग्नि तथा इनसे जुडी वे समस्त क्रियाये जिनका प्रभाव मानव पर प्रत्यक्ष एवं अपत्यक्ष रूप में पड़ता है ।
जिनमे - सूर्य की तपन शक्ति , पृथ्वी की गतियां , गुरुत्वाकर्षण , ज्वालामुखी , आदि विभिन्न प्रकार की क्रियाओं को इसके अंतरगर्त सम्मिलित किया जाता है I
(ii)
जैविक पर्यावरण - जैविक पर्यावरण एक ऐसा पर्यावरण होता है , जो की मनुष्य के आसपास का वातावरण होता है I जीव - जंतु , वनस्पति तथा मनुष्य को शामिल किया जाता है । प्रकृति में जिस वातावरण में मानव एवं अन्य -जीव - जंतुओं एक अतरसबंध या समंजस्यता के साथ रहते है , वे सभी " जैविक पर्यावरण " के अंतरगर्त आते है ।
प्रश्न -2 - पर्यावरण हेतु समाज में जनचेतना को जाग्रत करने हेतु क्या कदम उठाये जाने चाहिए अपने सुझाव दीजिये ?
उत्तर -2- पर्यावरण के सबंध में यदि हम अपने समाज में जनचेतना जाग्रत करना चाहते है , तो हमे पर्यावरण और उससे सम्बंधित भिन्न पहलुओं पर गौर करना अति आवश्यक होगा । कियोकि जब तक हम विषयों पर ध्यान केंद्रित नहीं करते जो की हमारे पर्यावरण को नुक्सान पहुंचाते है , अथवा हमारे पर्यावरण के लिए घातक के तब तक हम उसकी संपूर्ण चुनौतियों को नहीं समझ पाएंगे ।
जैसा की हम जानते है आज विश्व में पर्यावरण से जुडी हुई समस्याऐं एक विकराल रूप ले चुकी है । जिसके कारण बहुत है , परन्तु आज हम उन सभी कारणों की चर्चा करेंगे और सुझाव देंगे जो की अति आवश्यक है ।
(i ) जनसंख्या वृद्धि -आज विश्व में जनसंख्या वृद्धि एक बहुत ही बड़ी समस्या बन चुकी है । इससे जहाँ एक तरफ प्रति व्यक्ति हेतु संसाधनों की उपलब्धता कम हो रही है , वही दूसरी तरफ प्रकृति पर प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता जा रहा है । आज जनसँख्या वृद्धि होना एक प्राकर्तिक समस्या ही नहीं बल्कि - आर्थिक समस्या , सामजिक समस्या भी बन चुका है ।
यदि बात भारतीय परिपेक्ष्य में की जाए तो यह समस्या और भी विकराल है । कियोकि भारत विश्व की दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश है । जनगणना सेंसेक्स 2011 के अनुसार भारत की कुल जनसँख्या लगभग 121 करोड़ है ।
जनसंख्या वृद्धि एक बहुत बड़ी समस्या है , जिससे देश में गरीबी , बेरोजगारी और भुखमरी की समस्या एक विकराल रूप ले चुकी है ।
(ii ) प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता कम होना - जैसा की हम जानते है , की हमारी पृथ्वी पर मौजूद प्राकर्तिक संसांधनों की उपलब्धता सीमित या या कम है । यदि हम इन संसाधनों का उपयोग उनकी उपलब्ध मात्रा के अनुसार न करके अपनी स्वार्थी आवश्यकताओं के अनुसार करते है , तो जल्द ही ये संसाधन समाप्त हो जायगे, जिस ओर हम पहले ही बहुत आगे बढ़ चुके है ।
लगातार दिन व दिन प्रकृति का दोहन कर रहे है , कियोकि हम उसके त्वरित लाभ से प्रेरित है , न की उसके दूरगामी परिणामो से । यही सिलसिला चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब संपूर्ण मानव सभ्यता का अस्तित्व ही खतरे में पड जाएगा ।
(2) पर्यावरण हेतु समाज में जनचेतना को जाग्रत करने हेतु निम्नलिखित कदम उठाये जाने चाहिए ।
- हमे पर्यावरण में जनचेतना जाग्रत करने के लिए विभिन्न प्रकार के दृश्य एवं श्रव्य साधनो का प्रयोग किया जाना चाहिए ।
जैसे की - टीवी , रेडियो , वीडियो , ऑडियो , इंटरनेट , सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट और एप्लीकेशन , यूट्यूब , स्लाइडिंग शो द्वारा , रंगमंच कार्यक्रम , सम्मेलन , आदि विभिन्न प्रकार से किया जा सकता है ।
इसके अंतरगर्त और भिन्न - भिन्न प्रकार के साधनो का प्रयोग हम कर सकते है , आवशयक यह है कि - हमारे प्रयास कितने प्रभावी है ।
साथ ही जिस समाज विशेष में हम इन साधनों का प्रयोग कर रहे है , क्या वह उस समाज हेतु प्रभावी होते है अथवा नहीं,यह अत्यन्त महवपूर्ण है ।
लेखक की कलम से ✎ - जनसंख्या वृद्धि विश्व और भारत के लिए एक बहुत बड़ी समस्या बन चुका है ,जो कि दिन व दिन एक विकराल रूप लेती जा रही है । जिससे हम विभिन्न प्रकार की आर्थिक , सामाजिक , पर्यावरणीय समस्याओं को न्योता दे रहे है । यदि बात भारतीय परिपेक्ष्य में की जाए तो यह समस्या ओर भी भयानक रूप ले चुकी है । अब अगर हम " one child policy " पर भी काम करे तो भी बात बहुत आगे निकल चुकी है । दूसरे शब्दों में कहु तो ये एक ऐसी हाई- स्पीड गाडी है , जिसका अब ब्रेक भी लगा दिया जाए तो ये गाडी कितने दशक बाद रुकेगी कोई नहीं बता सकता ।
परन्तु ये बात सोचनीय है कि इस समस्या पर अभी तक हमारे देश में कोई भी ठोस कदम क्यों नहीं उठाया गया । हो सकता है कि इसके पीछे कई कारण हो , जिनमे राजनितिक कारण भी हो । किंतु एक भारतीय नागरिक होने के नाते मेरा ये दायित्व है , कि इस कि इसके लिए हमारे समाज को जागरूक करू । कियोकि हममे से अधिकतर लोगो को यह आदत लग चुकी है , की सभी बुरी चीजों का ठीकरा सरकार पर फोड़ दो ।
क्या हमारा समाज के लिए कोई दायित्व नहीं है , क्या हर बीमारी की दवा कानून पारित होना अथवा सुप्रीम कोर्ट जाना ही है । मेरे विचार से नहीं । समाज अगर तय कर ले कि एक से अधिक बच्चे होने पर उस परिवार का सामाजिक बहिस्कार कर दिया जाए , तो शायद हमे कभी भी किसी कानून की जरुरत ही न पड़े ।
, ये - " ecology and environment " विषय का पहला आर्टिकल (Article) है। इसमें भी पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण से सम्बंधित most important questions and Answer को सम्मलित किया गया है। जिसके अंतरगर्त विभिन्न पर्यावरणीय विषय ( Environmental Issues) जैसे कि -Climate Change ,Environmental Protection,Environmental Education,Environment Essay आदि को एकसाथ शामिल किया गया है। जो कि आपके "competitive Exams " जैसे कि - CTET/MPTET/UPTET/RTET/PSC/UPSC/MPSC/SSC/RAIWAY/STATE EXAMS के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगा। यदि आपको ये आर्टिकल अच्छा लगा तो इसके आगे के भागो के लिए नीचे दी गयी लिंक्स पर क्लिक करें। धन्यवाद